जल कल विभाग उत्तर प्रदेश में पेयजल आपूर्ति और सीवरेज सुविधाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। वर्ष 1946 में इसे स्थानीय स्वशासन इंजीनियरिंग विभाग (एलएसजीईडी) का नाम दिया गया। 1975 में, इसे उत्तर प्रदेश जल आपूर्ति और सीवरेज अधिनियम, 1975 (अधिनियम संख्या -43, 1975) के माध्यम से उत्तर प्रदेश जल निगम में परिवर्तित कर दिया गया। इस अधिनियम के अनुसार जल निगम का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश (छावनी क्षेत्र को छोड़कर) पर है। इस निगम को बनाने का मूल उद्देश्य जल आपूर्ति और सीवरेज सेवाओं का विकास और विनियमन और उनसे जुड़े मामलों का प्रबंधन करना है। जलकल विभाग की स्थापना से ही इसे शहरी जल आपूर्ति एवं सीवरेज प्रणाली के संचालन एवं रखरखाव का कार्य सौंपा गया है।